सुरेश निर्मलकर के सफलता की कहानी
परिचय:- नाम - श्री सुरेश कुमार निर्मलकर पता- पतरापाली, जिला- कोरबा के रहने वाले हैं। इन्होने बेरोजगारी से संघर्ष कर आजादी पाने वाले कोरबा जिले के पतरापाली के युवा श्री सुरेश कुमार निर्मलकर जिले और प्रदेश के युवाओं के बीच आइकॉन बन गये हैं सब्जी उत्पादक कृषक के रूप मे श्री सुरेश व्यापारियों के बीच अपनी विशेष पहचान बना ली है।
साल में लगभग 16 लाख रुपये का सब्जी उत्पादन करने वाले श्री सुरेश कुमार के पतरापाली मे 10 एकड़ खेत में आज 10 से 15 लोग लगातार काम कर रहे हैं।
श्री सुरेश ने कोरबा के डिग्री कॉलेज से आर्ट्स संकाय में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है खुद सुरेश बताते हैं कि डिग्री लेने के बाद रोजगार के लिए ऑफिस ऑफिस चक्कर लगाए व्यवसास के लिए लोन प्राप्त करने बैंकों में गए परन्तु कामयाबी नहीं मिली।
उद्यानिकी विभाग के अधिकारी के संपर्क में आने के बाद उन्हें एक नई प्रेरणा और दिशा मिली। अधिकारियों के सलाह और मार्गदर्शन पर श्री सुरेश ने सब्जियों की खेती शुरू की उद्यानिकी विभाग से उन्हें बीज, खाद, दवाई और अन्य जरूरी सामान भी सब्जी के खेती के लिए मिले शुरुआत में श्री सुरेश ने कोरबा जिले के पतरापाली में लीज पर जमीन लेकर लगभग 3 एकड़ रकबे मे खीरा, केला और बरबट्टी की फसल लगाई थी। सब्जियों को कोरबा ,कटघोरा , पाली सहित उपनगरीय क्षेत्र दीपका में भी बेचकर सुरेश को पूरे सीजन मे इन 3 फैसलों से लगभग 8 लाख रुपए मिले थे
सुरेश स्वयम् बताते हैं कि पहली बार मेहनत का फल चखा मन खुश हो गया। खीरा लगभग एक लाख 82 हजार रुपए का, करेला 3 लाख रुपये का और केला 3 लाख रुपए की बेची थी।
सब्जी उगाने के फायदे को देखते हुए सुरेश ने इस काम को व्यवसास के रूप में विकसित करने का फैसला किया । और बेंदरकोना गाँव में 10 एकड़ जमीन लीज पर लेकर सब्जियों का व्यवसायिक उत्पादन शुरू किया।
बीज , खाद, दवाई के साथ साथ जमीन पर ट्यूबवेल खुदवाकर Drip sysytem भी उद्यानिकी विभाग से सब्सिडी पर लेकर सुरेश ने बड़े पैमाने पर सब्जियों की खेती शुरू कर दी। इस काम में हाथ बटाने के लिए
10-15 स्थानीय लोगों को रख लिया करेला, बरबट्टी, डोड़का, तरोई जैसे बेलदार सब्जियों के लिए नई नई तकनीको का प्रयोग भी सुरेश अपने खेत पर कर रहे हैं।
उन्होंने अधिक फसल उत्पादन, सिचाई की समन्वित तकनीक और खरपतवारों से फसल को बचाने के लिए
मल्चिंग पद्धति भी सब्जी उत्पादन के लिए अपना ली है। आज सुरेश कुमार के खेत में लगभग 10 एकड़ रकबे में सब्जियाँ लगी है। समय समय पर सब्जियों की तुड़ाई कर उन्हें कोरबा, कटघोरा सहित दीपका की मंडियों में बेचकर सुरेश कुमार हर साल 10-15 लाख रुपए रख कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों को रोजगार देने के साथ साथ सुरेश कुमार पूरे जिले में सब्जी उत्पादन के लिए दूसरे लोगों को भी प्रेरित कर रहे हैं।
अब वे कोरबा जिले के ही गौड़ी गाँव में 3 एकड़ और बुंदेली गाँव में 5 एकड़ जमीन लीज पर लेकर
बड़े पैमाने पर अलग अलग सीजन पर अलग अलग सब्जियां लगाने की तैयारी कर रहे हैं।
सुरेश कुमार ने सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में बड़े इंटरप्रेंयोर के रूप में अपनी पहचान बना ली है। सब्जियां उगाने के साथ- साथ उसकी मार्केटिंग और भंडारण आदि के बारे मे भी उनकी जानकारी अच्छी है।
लोगों को ताजी सब्जियाँ उपलब्ध कराने के साथ - साथ स्थानीय लोगों को रोजगार से जोड़ने की सुरेश की
यह पहल निश्चित ही दूसरे लोगो के लिए प्रेरणादायी है।